एक मेमोरी को बाहरी या सेकेंडरी मेमोरी भी कहा जाता है कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी बहुत महंगी होने तथा बिजली बंद कर देने पर उसमें रखी अधिकतर सूचना नष्ट हो जाने के कारण न तो हम अपनी इच्छानुसार बढ़ा सकते हैं
न हम उसमें कोई सूचना स्थाई रूप से स्टोर Save कर सकते हैं इसलिए हमें सहायक (बाहरी) का उपयोग करना पड़ता है । इसकी कीमत तुलनात्मक दृष्टि से बहुत कम और डाटा को स्टोर करने की क्षमता बहुत अधिक होती है इसमें ऐसी सूचना स्टोर की जाती है जिन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है तथा जिन की आवश्यकता लगातार नहीं पड़ती है |
सरल भाषा में- हमें सेकेंडरी मेेेमोरी की इस लिए आवश्यकता पड़ी की मुख्य मेमोरी की तुलना मे बहुत सस्ती है । मुख्य मेमोरी मे रखी गई सूचना बिजली बंद कर देने पर सूचना नष्ट हो जाती थी । इसलिए अपनी सूचना को लम्बे समय तक सुरक्षित नहीं कर सकते थे । सेकेंडरी मेमोरी ये सूचना को लम्बे समय तक सुरक्षित कर सकते हैं ।
सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार:
1. हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD)
2. सॉलिड-स्टेट ड्राइव (SSD)
3. ऑप्टिकल डिस्क (CD/DVD/ब्लू-रे)
4. USB फ्लैश
ड्राइव
5. चुंबकीय टेप
6. क्लाउड स्टोरेज
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